जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जयपुर के 33 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट नीरज उधवानी की मौत के बाद गुरुवार को उनके अंतिम संस्कार में कई बड़े नेता शामिल हुए। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, मंत्री जोगाराम पटेल, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ समेत कई नेता शामिल हुए।
नीरज का शव बुधवार रात इंडिगो फ्लाइट से जयपुर लाया गया था
नीरज का शव बुधवार रात इंडिगो फ्लाइट से जयपुर लाया गया था। नीरज दुबई में नौकरी करते थे। वह अपनी पत्नी आयुषी के साथ पहलगाम घूमने गए थे। आतंकियों ने उनसे आईडी मांगकर गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। इस घटना ने जयपुर में शोक और आक्रोश की लहर पैदा कर दी। अंतिम संस्कार से पहले मॉडल टाउन स्थित उनके घर पर हजारों लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की।
केंद्र सरकार आतंकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह कायराना हमला पूरे देश को झकझोर गया है। हर खून का हिसाब लिया जाएगा। केंद्र सरकार आतंकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगी।” उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने बताया कि, “भारत का कड़ा रुख सही है। पहली बार सिंधु जल संधि को निलंबित किया गया है, जो 1960 से लागू थी। यह फैसला पाकिस्तान की आर्थिक कमर तोड़ेगा। रक्त और पानी अब एक साथ नहीं बहेंगे।” उन्होंने कहा कि आतंकियों को करारा जवाब देने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएंगे।
कायराना हमला देश की एकता पर प्रहार
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि भारत अब आतंकवाद को न स्वीकार करेगा, न बर्दाश्त करेगा और इसका मुंहतोड़ जवाब देगा। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह कायराना हमला देश की एकता पर प्रहार है। शेखावत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देश लौटते ही कैबिनेट की सुरक्षा समिति की बैठक बुलाई। इस बैठक में कड़े फैसले लिए गए, जिनमें 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है।
अब रक्त और पानी एक साथ नहीं बहेंगे
उन्होंने कहा, “1965 और 1971 के युद्ध, कारगिल युद्ध और कई आतंकी घटनाओं के बावजूद भारत ने इस संधि का सम्मान किया। लेकिन अब रक्त और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। यह फैसला पाकिस्तान के लिए बड़ा संदेश है और इससे उसकी आर्थिक कमर टूटेगी।” कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, “यह हमला देश की एकता पर प्रहार है। हम सरकार के हर कदम के साथ हैं।” (इनपुट-आईएएनएस)